STORYMIRROR

Navneet Goswamy

Abstract

4  

Navneet Goswamy

Abstract

हमारी प्रकृति

हमारी प्रकृति

1 min
323


नीला अम्बर , श्वेत से बादल 

सुरमई सा जैसे, पहना हो काजल। 

बलखाती, गहरी, शांत सी नदिया

तीरों पर जीवन संचारित किया।

नील गगन का प्रतिबिम्ब झलकता 

जैसे विशाल सा दर्पण रखा हो उल्टा। 

प्रकृति के आँचल में, रंग बिरंगी फुलवारी,

जैसे बड़े प्यार से कढी किसी ने फुलकारी। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract