सीधीबात
सीधीबात
आ,
न ।
आजा,
न आना।
आ तो सही,
नही..
आ भी जा...
ना।
आती है या?
क्या?
मुझसे जबान लड़ाती है?
रूक!आज तेरी हेकड़ी निकालता हूं।
तू मुझे, न कही।
तेरी इतनी हिम्मत!
आज ही, अभी,
तुझे घर तो क्या,
दुनिया से उठाता हूं।
तूने मेरे गुस्से को आग लगाई?
आज ही रातों रात तुझे
जिंदा आग लगाता हूं।।
