श्री सीताराम स्मरण
श्री सीताराम स्मरण
अत्यंत पावन है ऋषि वाल्मीकि विरचित रामायण,
श्रीराम के रूप में अवतरित हुए स्वयं श्रीमन्नारायण |
सूर्यवंशी महाराज दशरथ माता कौशल्या के हैं प्रिय प्राण,
जैत्र जयराम सनातन धर्मियों के हैं परम पूजनीय परायण |
श्रीराम श्रीराम नाम से गूंज उठे अयोध्या का हर प्रांगण,
उनके श्रीचरणों में लेते हैं सभी उपासक उनका शरण |
कौशलेय संग सदैव रहे अन्यतम अनुज लक्ष्मण,
अनुज शत्रुघ्न भरत चरण-रज करते रहे जीवन के क्षण क्षण |
वरिष्ठ ज्ञाननिधि ब्रह्मर्षि वशिष्ट से किए विशिष्ट विद्या युक्ति का ग्रहण,
मुनिश्रेष्ठ तपोनिधि ब्रह्मर्षि विश्वामित्र के जन-कल्याण अनुष्ठान किए पूर्ण |
मुनिराज विश्वामित्र के अनुग्रह से रमण प्राप्त किए बहुमूल्य दिव्य वाण,
लौकिक पारलौकिक वैज्ञानिक आध्यात्मिक शक्तियों से लिप्त जो भव्य बाण |
गुरुमाता अरुन्धती प्रदान किए सामवेद सरस संगीतस्वरों का प्रशिक्षण,
कर्मठ कर्त्तव्यनिष्ठ कोदंडपाणि पाए कोमल भावनाओं के सुलक्षण |
जनकनन्दिनी जानकी से हुआ उनका कमनीय कल्याण,
वर्णन विवरण के लिए वाक्यों का नहीं हो सकता निर्माण |
चतुर्दश वर्ष वनवास से सत्य किए अपने पिता का प्रण,
अपने शस्त्र शास्त्र ज्ञान कौशल से जीते हर संघर्ष रण |
किष्किंधा के वानर बने उनके बहुमूल्य बन्धुगण,
वानरराज सुग्रीव सहित किए रावणराज्य लंका पर आक्रमण |
रामभक्त हनुमान श्रीराम की मृदुल मैत्री से अवगत हैं जन-गण,
भगवन भोलेनाथ ने लिया त्रेता युग में रुद्र रूप का अवतरण |
हर परिस्थिति में नियंत्रित रहा उनका विचक्षण विलक्षण आचरण,
मर्यादा हेतु पुरुषोत्तम राम हैं जग के उत्तमोत्तम उत्कृष्ट उदहारण |
अत्यंत आकर्षक मोक्षदायक है श्रीसीताराम पुराण,
प्रण प्रयाण पर्यन्त करेंगे इस अद्भुत ग्रन्थ का पारायण |
नित्य पठन से नवीन लगे रम्य रामायण,
अति मनोरम मनोहर है श्री सीताराम स्मरण |