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Dr J P Baghel

Abstract

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Dr J P Baghel

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श्रद्धा और श्राद्ध

श्रद्धा और श्राद्ध

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रख न सके मां-बाप को जो भी लोग प्रसन्न 

उनको क्या अधिकार है श्राद्ध करें संपन्न।


जीते जी मां-बाप को जिसने रखा प्रसन्न 

उसे जरूरत ही नहीं श्राद्ध करे संपन्न।


श्राद्ध कर्म पाखंड है श्रद्धा में है भाव 

श्रद्धा का है श्राद्ध से इतना-सा अलगाव।


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