J P Raghuwanshi
Inspirational
शरद काल आया।
सबके मन भाया।
गर्म पवन छूमन्तर।
व्योम हुआ बेहतर।
छिटकी है चांदनी।
मगन है भामिनी।
शीतलता आई।
अंग-अंग समाई।
शोभा को हैं पाया।
"शीतकाल"
"सुख-दुख"
"सीख"
"बदलाव"
सफलता
"विविधता"
"धन"
जिन्दगी
सच्चा सुख
"नारी"
तरीका सिखाएं दहेज लोलुभ ससुरालजनों को, बेटी बिकाऊ नहीं! तरीका सिखाएं दहेज लोलुभ ससुरालजनों को, बेटी बिकाऊ नहीं!
क्यों न इस साल कुछ नया कर जाते हैं। क्यों न इस साल कुछ नया कर जाते हैं।
पर इसी मे छिपी मेरे भारत की आन बान पे हमे गुरूर है। पर इसी मे छिपी मेरे भारत की आन बान पे हमे गुरूर है।
गांधी के सपनों का भारत मिलकर हम बनाएंगे। गांधी के सपनों का भारत मिलकर हम बनाएंगे।
किसी बेबस का चैन छीन के तुम किस तरह सुख की नींद पाओगे ? किसी बेबस का चैन छीन के तुम किस तरह सुख की नींद पाओगे ?
ममता का सागर जिसकी गहराई नाप नहीं सकते। ममता का सागर जिसकी गहराई नाप नहीं सकते।
फिर भी तू क्या सोच जश्न मनाता हर साल, क्या होता है.... बस..... क्रमांक बदल जाता है. फिर भी तू क्या सोच जश्न मनाता हर साल, क्या होता है.... बस..... क्रमांक ब...
खुन वो है बेकार जो वतन के काम न आया। खुन वो है बेकार जो वतन के काम न आया।
युद्ध और संघर्ष में, अपनी जान देता है। युद्ध और संघर्ष में, अपनी जान देता है।
समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है। समाज की छोटी इकाई परिवार कहलाता है।
अव्यक्त जगत का आदिकारण , वह सनातन ब्रह्म है । अव्यक्त जगत का आदिकारण , वह सनातन ब्रह्म है ।
नए साल में पुराने साल को भी जिया करो। नए साल में पुराने साल को भी जिया करो।
रोमांचित, पुलकित मन हो उठता एक दर्शन सा लगता, यह हिमालय है ...... रोमांचित, पुलकित मन हो उठता एक दर्शन सा लगता, यह हिमालय है ......
संघर्ष ही जीवन है फिर कहलाता है। संघर्ष ही जीवन है फिर कहलाता है।
संघर्ष न पाए पूर्णविराम पाने तलक सफलता के सोपान। संघर्ष न पाए पूर्णविराम पाने तलक सफलता के सोपान।
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे। बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे।
घटाओं से निकलकर बूंद जम जायें न देखो । घटाओं से निकलकर बूंद जम जायें न देखो ।
वरना घुट जाओगे अंदर ही अंदर, डूब जाओगे किसी दिन गहरे समुन्दर।। वरना घुट जाओगे अंदर ही अंदर, डूब जाओगे किसी दिन गहरे समुन्दर।।
मेरी आन-बान-शान हैं मेरे पिता मेरी पहचान हैं। मेरी आन-बान-शान हैं मेरे पिता मेरी पहचान हैं।
लिया जिंदगी को खूब संवार छोड़ आए आखिर वे गलियाँ। लिया जिंदगी को खूब संवार छोड़ आए आखिर वे गलियाँ।