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Rashmi Prabha

Inspirational

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Rashmi Prabha

Inspirational

शंखनाद करो कृष्ण

शंखनाद करो कृष्ण

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नहीं अर्जुन नहीं

मैं तुम्हारी तरह

गांडीव नीचे नहीं रख सकती

ना ही भीष्म की तरह

वाणों की शय्या पर

महाभारत देख सकती हूँ


कर्ण तुम मेरे भीतर जीते हो

लेकिन मैंने अपनी दानवीरता पर

थोड़ा अंकुश लगाया है

एड़ी उचकाकर देख रही हूँ

तुम कहाँ सही थे

और कहाँ गलत !!!


कृष्ण

तुम मेरे सारथी रहो

यह मैंने हमेशा चाहा है

...पर मुझे बचाने के लिए

कर्ण के रथ से दूर मत ले जाना

मैं जीत अपने सामर्थ्य से चाहती हूँ

और तुम्हारा साथ होना

वैसे भी मेरी जीत है !


आवेश में मैं कोई भी प्रण नहीं लूँगी

जिसके साथ ब्रह्मांड हो

उसे आवेश में आने की ज़रूरत भी नहीं


सिर्फ लक्ष्य मेरे आगे है

सिर्फ लक्ष्य

शंखनाद करो कृष्ण

शंखनाद करो ...



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