शिव शक्ति
शिव शक्ति
वातावरण कितना खुश
प्रतीत होता है आज,
फूल खिले हैं गुलशन
गुलशन दमक रही है गोरा रानी,
पुलकित है महादेवा।
सज धज कर निकले त्रिपुरारी
तन पर भस्म गले पर सपॅ
रूद्र मुंड की माला लपेट साथ में
शीश चंद्र मस्तक पर धारी साथ
चली है गंगेश्वर रानी।
हाथ में त्रिशूल डमरू धारी
बने मस्तानी शिव जोगी। २
गौरव ब्याहने चले त्रिपुरारी
नंदी गण पर की सवारी
ढोल नगाड़े सब बाज रहे हैं ,
भूत पिशाच सब नाच रहे, ३
अब बारातद्वार पर आई है,
ओर सखिया भी ईठलाई है
देवों ने भी किया
पुष्पक वर्षा से स्वागत।।
मंगल गीत गाए हैं
वरमाला का समय हुआ है
विद्वानों ने विधान किया है
शिव पार्वती का ब्याह हुआ है।