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himani Bhatt

Others

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himani Bhatt

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ऋषिकेश

ऋषिकेश

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चली सखियों सॉन्ग गंगा,

हिमालय की चोटी से,

खल खल बहती बहती सीधी,

ऋषिकेश की गोद में।


जहां रहेंगे नीलकंठ जी

वही रहेगी शिवाया,

कभी ना छोड़ो साथ में उनका,

जहां रहेंगे मेरे महादेवा।


बहुत से आश्रम बसे हैं ऋषिकेश की पर्वतमाला मैं,

श्रद्धालु मोहित होते हैं प्रकृति की मधुशाला में,

पी जाएं अमृत ध्यान और ज्ञान का।


इतना सुंदर यह तीर्थ हमारा बहुत से मंदिर बसे हैं,

पर लक्ष्मण झूला सबसे खास

यहीं से निहारने सुंदरता,

सुंदर पर्वतमाला कितना प्यारा लगता है

कितना प्यारा न्यारा लगता है।


छोटा सा चार धाम ऋषिकेश के द्वार से,

यमुनोत्री को सरल पड़ा,

खल खल बहती गंगोत्री,

कैलाश में विराजे केदारेश्वर,

अंत में जाएं बैकुंठ धाम।



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