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PRATAP CHAUHAN

Classics

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PRATAP CHAUHAN

Classics

शीशमहल

शीशमहल

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बनाकर शीशमहल का अटास।

बना मत जमी का तू उपहास।।


दया का दान बना दो खास।

न हों लाचार कभी भी उदास।।


जगत में पंचतत्व का वास।

बनाते माटी का इतिहास।।


सृष्टि का अद्भुत ये है लिबास।

जिसे ओढे सृष्टि बिंदास।।


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