शीर्षक: सावन
शीर्षक: सावन
ए सावन…
चुपके से तेरा आगमन
मन मयूर नाचने को आतुर
सुहानी सी बयार और पेड़ो पर पड़े झूले
चुपके से आई बारिश की फुहार
ए सावन…
यूँ गरजते हुए से तेरा आगमन
आहट कड़कड़ाती बिजली से कदमों की
जो देती तेरे आने का संदेशा
पिया की याद सताए मुझे
ए सावन…
यूँ गड़गड़ाहट से तेरा आगमन मानो
मेरी पायल की झंकार
नहीं गई अभी पिया के कान
तूने कदम धरे और मैं पिया बिन बेचैन
ए सावन…
यूँ झींगुर के बोल से तेरा आगमन मानो
घुंघरुओं की झंकार सुनने तुम
मन करते कि चले आओ मेरे पास
ये सावन करता मेरा मजाक
ए सावन…
यूँ बरसते हुए सावन से तेरा आगमन
तू छीन मत मेरी मुस्कान
मेरे पिया ही मेरी पहचान
तू तो एक माह का मेहमान
ए सावन…
बरसकर के तेरा आगमन
आएंगे पिया करीब मेरे
होगी सावन की जब भी फुहार
सूने जीवन में भी होगी सावन की बहार।