जिंदगी एक कविता
जिंदगी एक कविता
उतार चढ़ाव से भरी,
कभी लयबद्ध चलती,
कभी मार्ग से भटकती,
जिंदगी क्या है,
एक कविता ही तो है...
सुख के सागर में डूबी,
कभी खुशियों की गागर छलकती,
सबके चेहरों पर मीठी मुस्कान ले आती,
जिंदगी क्या है,
एक कविता ही तो है...
दुख की बदरियों से घिरी,
कभी गम के भंवर में गोते खाती,
सबकी आँखें नम कर जाती,
जिंदगी क्या है,
एक कविता ही तो है...
कभी प्रेम भरी शहद सी मीठी,
रस श्रृंगार का उड़ेलती,
सबके मन को गुदगुदा जाती,
जिंदगी क्या है,
एक कविता ही तो है...
कभी भूतकाल की यादें टटोलती,
कभी भविष्य के सपने संजोती,
अस्तित्व टिकाने की खातिर,
कभी वर्तमान में जीने को जूझती,
जिंदगी क्या है,
एक कविता ही तो है...
कविता रुपी इस जीवन को,
न समझो तो तर्क में उलझाती,
समझ गए तो मर्मस्पर्शी कहलाती,
दिल से जीना सीख गये तो हृदयस्पर्शी बन जाती है,
सच में जिंदगी क्या है,
एक कविता ही तो है...