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Usha Bhatia

Inspirational

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Usha Bhatia

Inspirational

आज की माँ

आज की माँ

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तू सपने देख, तेरी आँखें बन जाऊँगी मैं,

पर अपेक्षा कभी न रखना मुझसे,

कि तेरी राहों में फूल बिछाऊंगी मैं।


तू आगे बढ़ते चलना,

गिरने से हरगिज़ मत डरना।

तेरी अंगुली बेशक नहीं थामूंगी मैं, 

पर भरोसा रखना,

उठना तुझे अवश्य सिखाऊंगी मैं।


नहीं बचाऊंगी कभी भी मैं,

अपने ममत्व की ढाल से तुझे,

मैं आज की माँ हूँ, रो लूंगी दिल ही दिल में,

पर अपनी ढाल तुझे खुद ही बनना है,

यह मैं ही सिखाऊंगी तुझे।


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