पत्थर कोयला
पत्थर कोयला
कभी-कभी मेरे जेहन में पत्थर तोड़ती
औरत की छवि उभरती..।
जो अपने हाथों से पत्थर कोयला को
चटका कर फटका कर तोड़ती...।
उसका पत्थर कोयला तोड़ना
हमारे लिये संदेश हैं कि गरीब माँ
अपने बच्चों के लिये कितने जतन से
कितने प्रयत्न से अपने बच्चों का
भूख -प्यास मिटाती हैं.....।
ऐसी यादें बरबस हमें अपने लक्ष्य
की तरफ आगे बढने को प्रेरित करती
उत्साह बढाती हैं...।
