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Manju Saini

Inspirational

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Manju Saini

Inspirational

सही अर्थ में साक्षर

सही अर्थ में साक्षर

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साक्षरता तो बढ़ रही

अमानवीयता दिन दूनी

मानव को मानव से भय बढ़ रहा

दिन दुने दुख बढ़ रहे।


ये सब बढ़ता जाएगा जब तक

समझ पर काम न हो पाएगा

सम्बन्धो को समझना होगा

सुविधा के फेर से निकलना होगा।


मैं जैसा हूँ दूसरा भी मुझ सा

सहजता से स्वीकारना होगा

मै भी रहूँ सुखी ओर आप भी

आओ मिलकर इस पर करे काम।


तभी हम साक्षर कहलाये जायेगे

नही तो किताबी ज्ञान बस हम

बढाते जायेगे ओर मानवता को 

पीछे छोड़ते जायेगे।


अपने साथ सर्व हित सोंच ही हमारी

सच्ची साक्षरता कहलाएगी

आओ आज मिल प्रण ले

ओर सही अर्थों में साक्षर बने।


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