शब्दों की दुनिया
शब्दों की दुनिया


(१)
वो स्याही जो कोरे पन्नों पर,
शब्दों की लता उस कागज में लपटी हैं ।
कवि की आनंद अनुभव से,
लय तुक में छिना झपटी हैं ।।
(२)
उस रचना में रस की रस पीकर,
आनंदित है यहां लोग ।
उन छंदों की सुन्दर बंधन की,
लग गई जग को कविता से
जोग ।।
(३)
कवि की कविताओ पर,
उस स्याही की बलिदान l
जब लेट गई वो कोरे कागज में,
वो कविता लिखने वाला विद्वान ।।
(४)
जब देखती संसार है कि,
नवल अक्षरों से रचित ।
सुस्पष्ट सरल सार युक्त,
तब लोगों में कविता चर्चित ।।