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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

4  

Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

शब्दों के तीर

शब्दों के तीर

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शब्दों के तीर होते ख़जर से ख़तरनाक, 

जब भी निकलते पीड़ा देते हैं दर्दनाक। 

शब्दों के तीर का सोचकर प्रयोग करते, 

शब्दों के तीर मीठे हमेशा अच्छे लगते। 


शब्दों के तीर से पल में सब नाश होता,

महाभारत शब्द गलत बोल के है हुआ। 

शब्दों को सदैव तोल-मोल कर बोलना, 

शब्दों को समयानुसार हम को बोलना।


कभी-कभी शब्द मरहम का काम करें, 

कभी-कभी शब्द ज़हर का काम करते। 

ज़ख़्म ज़माने वाले भी बहुत गहरा देते, 

जब प्यार करने वालों के बैरी ये बनते। 


नाज़ुक दिल ज़हर से शब्द से छलनी है, 

लोग अक्सर गलत शब्द से छलनी करें। 

हो सकें तो दिल के ज़ज़्बात समझना है, 

शब्दों को सही समयानुसार ही बोलना है।


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