शौक
शौक
मेरे विषय में जानने का शौक रखने वालों,
दोस्तों से नहीं मेरे दुश्मनों से पूछो कितना
खुद्दार हूँ मैं !!
ये जिन्दगी क्या बताएगी की मेरी हस्ती क्या है,
जाके मौत से पूछो कितना वफ़ादार हूँ मैं !!
मोहब्बत में तो लोग अक्सर ही याद आते हैं,
पर जो नफरत में भी याद आये वो प्यार हूँ मैं !!
विरह में तो लोग देखते हैं उनकी राहों को,
पर मिलन में भी जिसे चाहे वो इन्तजार हूँ मैं !!
वो हमे चाहे या ना चाहे ये उनकी फितरत है,
मगर लोग जो भुला न सके वो मीठी तकरार हूँ मैं !!
लोग मोहब्बत की बन्दिशों को भुला देते हैं,
गर नफरत में भुला दे जो वो सत्कार हूँ मैं !!
लोग जीवन में चाहते हैं अपने रिश्तों को ,
मगर जिसे मौत कभी चाहे वो इकरार हूँ मैं !!
सजी रुदन से ये बस्ती दिखे शमशान यहाँ ,
मगर ख़ुशियों को जो सजाएँ वो बाजार हूँ मैं !!
हमने छोड़ा उन्हें ख़ुशियों की सजी महफिल में ,
उनकी नफरत के वारिशों का गुनाहगार हूँ मैं !!
जिसकी भावनाओं से हर पल वो खेला करती हैं,
बेबसी लाचारियों से सजा वही बाजार हूँ मैं !!!
