शायरी
शायरी
रिश्तों की महफिल में,
मुझे मिला एक रिश्ता,
नाम नहीं था कुछ भी उसका,
पर बन गया मेरे लिये ज़िन्दगी वो।
रिश्तों की महफिल में,
मुझे मिला एक रिश्ता,
नाम नहीं था कुछ भी उसका,
पर बन गया मेरे लिये ज़िन्दगी वो।