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Mohammed Etesam

Abstract

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Mohammed Etesam

Abstract

शायर

शायर

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दर्द जिंदगी के बखूबी छुपाते है...

राज़ दिलों के किसी को नहीं बताते हैं,

इन्ही किरदार वालों को तो हम कलाकार कहलाते हैं !!


कभी तीरगी में यह बेखुमारी में कुछ ऐसा लिख जाते हैं...

कि रात गुजरते, फ़ज़्र, ही मशहूर बन जाते है!

शायरी यूं झलकाते हैं,

कि अपने ज़माने के मिर्ज़ा ग़ालिब का खिताब कमा जाते हैं!

इन्ही किरदार वालों को तो हम शायर कहलाते हैं!!


यह टूटे हुए आशिकों के दिल को बहलाते है...

कईयों के बेरूखी जिंदगी को फ़रोज़ा कर जाते है...

बे-दिलों के दिलों में इश्क की बस्ती बसा जाते है...

इन्ही किरदार वालों को तो हम कलाकार कहलाते हैं!!

इन्ही किरदार वालों को तो हम शायर कहलाते हैं!!


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