एक गजल तेरे नाम लिखूंगा !!
एक गजल तेरे नाम लिखूंगा !!
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एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखूंगा
बेहिसाब उसमें तेरा कुसूर लिखूंगा
टूट गए तेरे बचपन के खिलौने सारे
अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगा
ना मुड़ के उस गली में जाऊँगा
ना तेरी याद में और आँसू बहाऊंगा
तुझ से काबिल बनने को मैं
भी बेवफ़ाई सीखूंगा
एक गजल तेरे नाम लिखूंगा
एक गजल तेरे नाम लिखूंगा
तेरी नफरत की याद में एक
पौधा यूं सीचूंगा
जिसकी जड़ें मुझे इतनी मजबूत
करें कि मैं हर मुकाम जीतूंगा
एक गजल तेरे नाम लिखूंगा
अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर
लिखूंगा
एक गज़ल तेरे नाम लिखूंगा
एक ग़ज़ल तेरे नाम लिखूंगा !!
