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Mohammed Etesam

Others

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Mohammed Etesam

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जिंदगी का कारवां!!

जिंदगी का कारवां!!

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साजिश जब कर ही ली है

फिर गुफ्तगू किस बात की,

खुश है लोग जब फासले से,

तो नजदीकियां किस बात की...


हाथों को पता नहीं फिर

छोड़ देते हैं,

यह जुबान भी अजीब है,

अच्छे-अच्छों के घर तोड़

देते हैं !!


जमाना कुछ भी कहे

परवाह ना कर,

जिसे जमीर ना माने उसे तू

सलाम ना कर !!


नजर नमाज नजरिया सब

कुछ बदल गया...

एक रोज इश्क हुआ और जैसे

खुदा बदल गया...


मेरी गहरी खामोशी में सन्नाटा भी और शोर भी

है...

तुने ठीक से देखा ही नहीं इन

आंखों में कुछ और भी है...


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