शारीरिक अक्षम: समाज का एलियन
शारीरिक अक्षम: समाज का एलियन
एक व्यक्ति यदि शारीरिक अक्षम हो जाता है,
वह एलियन हो जाता जब समाज के सामने आता है,
ऐसा मैंने निज अनुभव से जाना है.
एक देख पाने में अक्षम व्यक्ति जो दिख जाता है,
आसपास के लोग ऐसे भीड़ लगाते,
मानो मानव नहीं देख लिया हो कोई एलियन,
समाज यही व्यवहार तब भी दोहराता है,
सामने यदि कोई चलने में अक्षम गिरता- संभलता आ जाता है.
यह भी हम जैसा मानव है,
नहीं है कोई एलियन,
जिसको उसी ईश्वर ने बनाया,
जिसने हम सब को बनाया है,
ऐसा उस भीड़ में कोई क्यों न सोच पाता है ?
मंदबुद्धि वालों को तो,
एलियन राज समझा जाता है,
हर कोई उसे यह जानकर चिढ़ाता,
इसे कहां कुछ समझ आता है.
विकलांग शब्द को बदल दिव्यांग कर देने से,
क्या सम्मान इन्हें मिल जाता है ?
शब्द कोई भी हो प्रयोग,
इसमें इनको क्या मिल जाता है ?
इन्हें तो इतना सा आश्वासन चाहिए,
एलियन नहीं हमें भी मानव समझा जाता है।