STORYMIRROR

श्रेया जोशी 'कल्याणी'

Abstract Others

3  

श्रेया जोशी 'कल्याणी'

Abstract Others

मंगल कामना

मंगल कामना

1 min
153


पिता के लिए बेटी के स्नेहा को,

शब्द सीमा में बंधा जाना नहीं आसान, 

पिता से होती उसकी पहचान,

पिता तो होते उसकी शान। 


पिता तो होते वटवृक्ष समान,

जिसकी छांव में बेटी होती हर कष्ट से अनजान,

पिता तो होते उसकी जान। 


दीर्घायु और सुखमय जीवन का आपको मिले वरदान,

जन्मदिन की मंगल कामनाओं संग,

महादेव से 'कल्याणी' की बस इतनी सी है मांग। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract