सफ़र की पगडंडियाँ
सफ़र की पगडंडियाँ
सफ़र की ये सुहानी पगडंडियाँ ,
ज़िन्दगी के हर मोड़ से मिला देती है..
ना चाहते हुए भी ए मुसाफ़िर तुझे ,
ये पगडंडियाँ कहाँ -कहाँ पहुँचा देती है ..
सफ़र है ज़िन्दगी का हज़ारों रूख बदलेगा,
कही झूठ तो कभी हमें ये सच से जोड़ देती है..
ना जाने कितनी मुश्किलें उठाएं तू जीएगा ऐ मुसाफ़िर इसे,
फिर भी हर मोड़ पे तुझे ये तन्हा कहीं छोड़ देती है..
ना होना निराश इस ज़िन्दगी से तू कभी,
कहीं न कहीं ये हमें एक नई रोशनी देती है..
हार ना मानना ये हौसला है इस सफ़र का,
क्योंकि ये सफ़र की पगडंडियाँ है...
जो हमें एक दूजे से जोड़ देती है !!