प्यार का पैगाम - तेरे नाम
प्यार का पैगाम - तेरे नाम
जागती हूँ रात भर मैं, जब सारा जग सोता है,
नींद भी आये तो कैसे? तू मुझसे दूर जो होता है
किसी काम मे दिल लगाऊँ तो कैसे ?
इस दिल में हमेशा तेरा ख्याल जो रहता है
दिन तो गुज़ार देती हूँ तेरी यादों में ही,
पर बड़ा हाल बुरा मेरा रातों में होता है
इस पागल दिल को समझाऊं तो कैसे ?
हर पल तुझे पुछता ही रहता है
सोचती हूँ छिप जांऊ एक दिन तेरी बाहों में ही,
याद आता है कि तू मुझसे दूर जो रहता है
जी करता है चुरा लूँ तुम्हें सारी दुनिया से,
फिर देखेंगे कि तुम्हें मुझसे कौन दूर करता है ?