सदियों के प्रेमी
सदियों के प्रेमी
सदियों के प्रेमी
ये धरती आसमां
मिल कर भी न मिलें
रहें उदास.........
सूरज जब अपना ताप दिखाए
आसमान को ये दहकाए
तड़प उठे तब ये धरती..
पानी की बूंदों को भाप बना
ढक देती बादल से आसमां...
और जब बेहाल हो धरती
बादल से बरसा कर बूंद, आसमां
कर देता शीतल ये धरती......
