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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract Tragedy Inspirational

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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract Tragedy Inspirational

सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

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सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


दिन-रात लाख प्रार्थना

श्रद्धालुओं भरा स्थल

भगवान, खुदा, रब, गॉड

कुछ ना कुछ रहते मांगते

ना ये भक्त, ना मांगे प्रार्थना


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


प्रार्थना होती असल

बनती यह सिर्फ ध्यान 

अनुग्रह भाव धन्यवाद

ये भक्ति न मांगे शक्ति


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


एक जहाज वापसी वतन

लंबी यात्रा घर आने वाले

व्यापारियों यात्रियों भरा

समुद्र में तूफान अचानक

लगता हिचकोले जहाज


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


सब के सब करे प्रार्थना 

एक सूफी एकदम शांत

क्रोधित लोग उस पर


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


मजहबी आप धार्मिक

क्यों नहीं करते प्रार्थना

बचा सकते आप जहाज

सूफी संत ईशा मसीह


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


क्या मैं परमात्मा से हूं

ज्यादा समझदार, अगर

वह चाहता हम सभी सब 

करना खत्म तो ठीक है

अगर वो हमें चाहता 

बचाना तो भी ठीक है


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


मैं उसके साथ पूरी सहमत

प्रार्थना का अर्थ असहमती

कुछ हो रहा चाहते ना हो

आप चाहते ईश्वर इसे रोके

भगवान करें हस्तक्षेप 


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


जहाज सवार सबसे धनी

लाखों मूल्य हीरे जवाहर

संगमरमर का महल पास

लगभग डूबने को जहाज


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


वह जोर से चिल्लाया

भगवान वादा करता

अगर मैं बच गया तो

महल बेच पूरा पैसा

तुम्हें दूंगा मुझे बचा


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


इत्तफाक से हवाएं गायब

समुद्र की तूफान शांत 

जहाज डूबने से गया बच 

बड़ी मुश्किल में बंधा धनी


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


अमीर धनी बड़े व्यापारी

कंजूस होते तभी है धनी

सूफी संत मसीह से कहा

शायद आप सही थे तभी

खामोश बैठे रहे शांत रहे

कोई नहीं किया वादा


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


धनी अमीर के मन व्यापारी 

वादा के रास्ता लिया निकाल 

अगले दिन नीलामी को रखा

महल साथ खंभे बंधी बिल्ली


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


शर्त रखी दोनों एक साथ 

महल साथ खरीदने बिल्ली  

बिल्ली की कीमत दस लाख

महल की कीमत नाम मात्र


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


कोई समझ नहीं समझा 

बिल्ली की कीमत क्यों है  

इतनी ज्यादा महल की नहीं

महल की कीमत नाम मात्र

किया दान महल के पैसा

अपने रखा बिल्ली के पैसे

भगवान को धन्यवाद


सच्ची प्रार्थना धन्यवाद

अनुग्रह भाव पहले ही

अस्तित्व सबको दिया

प्रार्थना हृदय ऐसी सुगंध

अस्तित्व प्रति कृतज्ञता


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