सच्चा साथी
सच्चा साथी
जीवन में सच्चा साथी वही होता है,
जो आगे बढ़ जाने पर भी ठहरता है।
मुड़कर पीछे, सहारे देने हाथ बढ़ाता है,
तेज होती अपनी रफ़्तार को धीमा करता है।
साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को !
वो वक्त और ज़माने के पीछे नहीं भागता,
दुख और दर्द में पल पल साथ निभाता
साथी के अहसासों को साथ देते आगे बढ़ता
दौलत बढ़ जाने पर भी नीचा नहीं दिखाता,
कृष्ण-सुदामा सम दोस्ती ही कीर्तिमान बनाता।
