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आईना वैश्य

Abstract

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आईना वैश्य

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सभी मौन क्यों

सभी मौन क्यों

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इस सवाल का ज़वाब और कारण सभी जानते और समझते हैं फिर भी मौन रहते हैं। सामने वाला सही है यह जानकर भी उसका साथ नहीं देते। ज़ुल्म के खिलाफ एक साथ एक आवाज नहीं उठाते। लोगों के प्रति नकारात्मक धारणायें स्वयं ही बना कर उसे गलत साबित कर देते हैं। आख़िर क्यों।?

कारण हम सभी जानते हैं पर कहने में हिचकिचाते हैं। ये सत्य न कह पाना। रूढ़ीवादिता को बढ़ावा देना। समाजिक मानसिकता से न लड़ पाना वास्तव में हमारी ही कमजोरी है।जिससे हम लड़ने से डरते हैं।

लोगों का सामना करने से डरते हैं। उनके ग़लत को गलत कहने की बजाय गलत कहने वालों की भीड़ में ही शामिल होकर सच को दबाने का प्रयास करते हैं और काफी हद तक सच्चाई को हराकर झूठ का क्षणिक विस्तार कर ही देते हैं। झूठ की भीड़/अंधेरा कुछ समय के लिए सच के प्रकाश को ढक लेता है। सभी मौन रहते हैं। झूठ की ताकत देखकर साथ दबा देते हैं बेबस और लाचार व्यक्ति को।

मौन रहकर अपनी आन्तरिक कमजोरियों का परिचय खुले आम देते हैं बस समझने की ज़हमत नहीं उठाते। 


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