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Khushi Acharya

Abstract

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Khushi Acharya

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सब तेरा

सब तेरा

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सब तेरे वास्ते तेरे लिए

एक ख्वाब अब मेरा छोड़ दे

तू चखा के मुझे ज़हर अब

अश्कों का खारा स्वाद छोड़ दे।


उम्मीदों को राख किया,

मेरी बर्बादी की आग छोड़ दे

काली नीली रात में यादों का

पहरा थोड़ा चैन छोड़ दे।


तकलीफों की लहरें उड़ा ले जाती

ज़ख्म के निशान दिल पर छोड़ दे।

तेरी बाते अच्छी, शब्दों की चोट,

तू कहानियां तेरी लेजा अपने किस्से छोड़ दे।


मेरा चाँद तारों के पीछे लगा है,

उस चांदनी का इंतज़ार छोड़ दे

सपनों की उड़ान छूटी है,

मेरे लिए उसका एहसास छोड़ दे।


हवा की चोखी तस्वीर ले जा,

उलझन का कोहराम छोड़ दे

तू ले जा बांध के तेरा दिखावा

मेरा सच्चा प्यार छोड़ दे।


इस बार में लड़ लुंगी खुद ही से,

थोड़ी में थोड़ी हदें हिम्मत छोड़ दे।


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