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Tanmay Mehra

Abstract

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Tanmay Mehra

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सब मिट्टी हो जाता है

सब मिट्टी हो जाता है

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ना कर तेरा मेरा

एक दिन सब मिट्टी हो जाता है

रह जाता है यही सब

क्यौं तू मोह माया के

बीज बो जाता है।


तू मरता रहा पल पल

जिन अपनों के लिये 

वो तेरी अर्थी पर आके

दो आँसू रो जाता है

ना कर तेरा मेरा

एक दिन सब

मिट्टी हो जाता है।


ये कहकशाँ ये

महफिलें तू सजाता रहा

पर आखिरी सांस में

इंसान अकेला सो जाता है

सत्कर्म कर सत पथ पर चल

क्यों झूठी शान

मोह माया में खो जाता है।


ना कर तेरा मेरा

एक दिन सब मिट्टी हो जाता है।


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