सावधान रहें- तबाही रोकें
सावधान रहें- तबाही रोकें
आज सकल भूमंडल में हो रही, है भारत की वाहवाही,
पर अनलाक में भारतीय दिखा रहे, हैं बड़ी ही लापरवाही।
रह सचेत-जगे और जगाते करें,न हम कोई तनिक कोताही,
जान-बूझ या अनजानी लापरवाही,ला सकती बड़ी तबाही।
कोरोना संग इस छिड़ी जंग में,जग में बेहतर स्थिति हमारी है,
कारण उचित समय पर सही फैसले,संग सुदृढ़ जन-भागीदारी है।
संक्रमण और मृत्यु दर है नीची,हकदार श्रेय के हैं कोरोना-सिपाही,
जान - बूझ या अनजानी लापरवाही,ला सकती बड़ी तबाही।
न ही दवाई न कोई टीका ,न बदलते विषाणु की जानकारी है,
सिर्फ बचाव सावधानी संग करिए, इसी में ही भलाई हमारी है।
सबके हित में सतर्क रहें हम सब,काम पर सबको जाना ही,
जान - बूझ या अनजानी लापरवाही , ला सकती बड़ी तबाही।
जब बाहर जाना हो बहुत ही जरूरी, तब ही घर से हम निकलें,
ठीक ढंग से मास्क लगा दूजे संग, दो गज दूरी निश्चित कर लें।
हस्त स्वच्छता करें सुनिश्चित काम निपटते बाहर न टिकें जरा ही,
जान - बूझ या अनजानी लापरवाही, ला सकती बड़ी तबाही।
सदा बचें भ्रामक खबरों से ,और खुद कोई भ्रम हम न फैलाएं,
सोशल मीडिया से सतर्क रह, ज्ञान आधिकारिक स्रोत से पाएं।
नूतन जानकारी पाने की खातिर, देवें हम कुछ समय सदा ही,
रह सतर्क जानकारी संग जगा सभी को , कोरोना से बचें सदा ही।