सांस
सांस
मौसम सर्द होता है तब
सांस नहीं आती है
कोई पल रेशमी हवा सा न बहता तब
सांस रुक जाती है
कुछ कुछ जब अपनी पसंद का
अपने मन का होने लगता है तब
एक नई सुबह के
नये सूरज की
गर्म लहर जो
तन को गरमाती है तब
कहीं जाकर सांस में सांस आती है।
मौसम सर्द होता है तब
सांस नहीं आती है
कोई पल रेशमी हवा सा न बहता तब
सांस रुक जाती है
कुछ कुछ जब अपनी पसंद का
अपने मन का होने लगता है तब
एक नई सुबह के
नये सूरज की
गर्म लहर जो
तन को गरमाती है तब
कहीं जाकर सांस में सांस आती है।