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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Inspirational

सामाजिक भेदभाव

सामाजिक भेदभाव

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कितना बदल गया है ज़माना,

वर्तमान मै सब हम जी रहे है,

हम सब मिलकर साथ रहते है,

फिर भी भेदभाव हम देखते है।


संविधान में भी कहा गया है,

भेदभाव रखना मना किया है,

आखिर में हम सब मानव है,

फिर भी यह दूषण देखते है।


मंदिर में हम सब आते जाते है, 

सब भगवान की पूंजा करते है,

भगवान भेदभाव रखतें नहीं है,

फिर भी हम भेदभाव रखते है?


सुधर जाओ ओ दुनियावालों,

जिंदगी सात दिन का मेला है,

मिट्टी का खिलौना है "मुरली", 

सब मिट्टी में ही मिलनेवाले है।



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