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Anita Koiri

Abstract

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Anita Koiri

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साइकिल सी जिंदगी

साइकिल सी जिंदगी

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साइकिल के पहियों सी है ये जिंदगी

कभी हवा आगे की तो कभी पीछे की कम हो जाती है

अगर न दिया ध्यान तो चेन कट जाती है

कभी पैडल, कभी बेल, कभी ब्रेक बिगड़ जाती है

रिपेयरिंग में कितने ही पैसे लग जाती है

लेकिन बन जाए साइकिल तो साथ दे जाती है


जिंदगी की साइकिल की ध्यान तुम भी रखो

बिगड़ जाए चेन तो बनवाकर रखो

जिंदगी के कलपुर्जों को ढीला मत छोड़ो

ध्यान सबका रखो पर अपना पहले रखो

साइकिल सी धीरे- धीरे तुम भी आगे बढ़ जाओ

कभी सवारी लेकर तो कभी अकेले ही आगे बढ़ जाओ।



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