STORYMIRROR

Sudhir Srivastava

Tragedy

3  

Sudhir Srivastava

Tragedy

सादगी में खूबसूरती

सादगी में खूबसूरती

1 min
207


ईश्वर ने हमें

बहुत सोच समझकर बनाया

सुंदर शक्ल शरीर दिया

जरूरत के हिसाब से

आँख कान मुँह नाक व

हाथ पैर सिर दिए

हमारे जीवन की जरुरत 

पूरी करने के लिए

प्रकृति का खूबसूरत उपहार दिया।

परंतु अफसोस 

आज हम प्रकृति से ही खिलवाड़

करने लगे हैं,

ईश्वरीय विधान में 

व्यवधान बनने लगे हैं,

सादगी पर कृतिमता का 

मुलम्मा चढ़ाने लगे हैं

प्रकृति की सुंदर सादगी पर

प्रहार करने लगे हैं।

ऐसा लगता है कि

हम सब भूल रहे हैं

सादगी में ही

कुदरती खूबसूरती है,

या फिर घमंड में हैं कि

आज तो हम ही ईश्वर हैं।

ठहरिए, सोचिए

कहीं हम खुद के लिए

धरती, पशु पक्षी,जीवों 

मानवों के दुश्मन 

तो नहीं हो रहे हैं?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy