SHWETA Shubh Karan
Inspirational
रूक जाना नहीं
कहीं हार के तू
अभी मंज़िल है यहीं
कहीं दूर, कहीं दूर।
है मुश्किल ये राहें
जहाँ है कांटों के रास्ते
रूकना नहीं, थकना नहीं
चलते रहना इस डगर पर
मिलेगी मंज़िल तुझे यहीं
आज नहीं तो कल।
समय
रुक जाना नहीं
कशती अरमानों ...
सरगम
नया सवेरा
बेटियाँ
दिल
कोविड 19
इंतज़ार
ऐसा है, मेरा सुंदर सा संसार, मेरा परिवार।। ऐसा है, मेरा सुंदर सा संसार, मेरा परिवार।।
पर हाँ ! उड़ जरूर रहा हूँ, मैं इस स्वच्छंद हवा में।। पर हाँ ! उड़ जरूर रहा हूँ, मैं इस स्वच्छंद हवा में।।
नारी तुम जल सी कोमल वज्र की सी कठोर भी हो। नारी तुम जल सी कोमल वज्र की सी कठोर भी हो।
बिन मौसम बरसात को तो मन मारकर भी स्वीकार कर लेती हूँ। बिन मौसम बरसात को तो मन मारकर भी स्वीकार कर लेती हूँ।
समूचे घर परिवार की धुरी है, शक्ति की परिचायक नारी है ! समूचे घर परिवार की धुरी है, शक्ति की परिचायक नारी है !
पंछी रे, प्रेम बड़ा अनमोल।। पंछी रे, प्रेम बड़ा अनमोल।।
हां सच ही तो हैं, स्त्री हौंसले की प्रतिमूर्ति हैं।। हां सच ही तो हैं, स्त्री हौंसले की प्रतिमूर्ति हैं।।
मिठास इश्क की साथ लिए आओ एक बार फिर से…. मिठास इश्क की साथ लिए आओ एक बार फिर से….
ख्वाहिशों ने ख्वाहिश की तुझसे मिलने की , ख्वाहिशों ने ख्वाहिश की तुझसे मिलने की ,
क्यूं है तू समाज से कटा बैठा तो क्या हुआ, की तू है एक विकलांग। क्यूं है तू समाज से कटा बैठा तो क्या हुआ, की तू है एक विकलांग।
जीत हार से भरे हुए जीवन का अंतिम निष्कर्ष यही पाता हूं। जीत हार से भरे हुए जीवन का अंतिम निष्कर्ष यही पाता हूं।
माटी तन को रूह से रूबरू कराती है , बाहर से मटमैला अंदर से गुड लुकिंग बनाती है। माटी तन को रूह से रूबरू कराती है , बाहर से मटमैला अंदर से गुड लुकिंग बनाती ह...
इस जहाँ की हर खुशबू और रंगों से मिलाया है। इस जहाँ की हर खुशबू और रंगों से मिलाया है।
चाहतो से लिप्त इच्छाओ की, हाँ, मैं लिखती हूँ कहानियाँ औरतो की। चाहतो से लिप्त इच्छाओ की, हाँ, मैं लिखती हूँ कहानियाँ औरतो की।
रे मितवा दिल ना किसी से लगाना रो लेना तुम छुप के अकेले। रे मितवा दिल ना किसी से लगाना रो लेना तुम छुप के अकेले।
अपनी कर्मों से, अपनी संस्कृति से, तुम्हें नया इतिहास देश का रचना है। अपनी कर्मों से, अपनी संस्कृति से, तुम्हें नया इतिहास देश का रचना है।
धन्य कल्पना आप हमको कल्पना की शक्ति सिखा गई धन्य कल्पना आप हमको कल्पना की शक्ति सिखा गई
था विश्वास मुझे अपने पंखों पर उनकी ताकत पर , मज़बूती पर। था विश्वास मुझे अपने पंखों पर उनकी ताकत पर , मज़बूती पर।
जटाधारी की काशी में था नव-निर्माण करवाया। जटाधारी की काशी में था नव-निर्माण करवाया।
कभी न किसी से तकरार हो, बूढ़ा हो चाहे बच्चा हो , तो कितना अच्छा हो। कभी न किसी से तकरार हो, बूढ़ा हो चाहे बच्चा हो , तो कितना अच्छा हो।