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SHWETA Shubh Karan

Abstract

4  

SHWETA Shubh Karan

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इंतज़ार

इंतज़ार

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इस तरह वो छोड़ कर गये हमें,

कि फिर वापिस ना लौट सके,


हम इंतज़ार करते रह गए,

और वो बेवफाई करके चले गए।


बहुत समझाया हमने अपने आप को,

पर फिर भी आँखें हो जाती हैं नम,


जब नाम उनका आता है ज़ुबान पर,

दिल फिर रोता है उनका लिए,


जो कभी हमारा था सदा के लिए।


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