रस्मो रिवाज
रस्मो रिवाज
यह रस्मो के बंधन है प्यार के धागे
न जाने क्यों लोग इससे है दूर भागे
ये रस्में कोई बेड़िया नहीं
यह तो अपनी संस्कृति अपनी पहचान है
पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ो
अपने देश का यह अभिमान है
प्रेम से अपनाओगे गर इन्हें तो
अपनों का मिलेगा प्यार
रस्में निभा लोगे हंसते हुए तो
खुश होगा सारा परिवार
हां कभी-कभी इन को निभाने में
शायद होता है थोड़ा मुश्किल
पर है तो यह संस्कार हमारे
हम सबकी रगो में हैं शामिल
यह एक रस्म ही तो है ,
भाई के सर पर बंधा हुआ सेहरा
कलाई पर बंधी राखी भाई के
प्यार हो जाता है इससे और गहरा
कितनी सुंदर है यह रस्मे
दिल से इन्हें अपना लो
दूर मत भागो इनसे
गले से अपने लगा लो।