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Sumit. Malhotra

Abstract

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Sumit. Malhotra

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रोतो को मुस्कुराना सिखाना

रोतो को मुस्कुराना सिखाना

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ईमानदारी और सच्चाई का दामन थाम लीजिए,

हमेशा दिमाग का ही नहीं कभी-कभी मन का कहा भी मानिए।


प्यार ही है सब दर्दों की दवा और प्यार में खो जाइए,

और वो प्यार अपने माता-पिता से और भाई-बहन से तो सोने पर सुहागा हो जाए।


माना है जिंदगी चार दिन की तो खूद तो हंसे खूब दिल खोलकर,

और जितना हो सके किसी रोते हुए चेहरों को मुस्कुराना सिखाना चाहिए।


हो सके तो जब मन हो उदास, टूट जाए हर आस,

तो जिससे मन को मिलता हो अमन-चैन वो खेल हो या काम मन लगाकर करना चाहिए।



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