रो पड़ोगे तुम
रो पड़ोगे तुम
देखोगे जब बंद मेरी आँखें,
फिर पढ़ोगे मेरी डायरी,
तो रो पड़ोगे तुम !
मेरी कुछ तस्वीरें जो जीवंत रहेगीं,
चेहरा मुस्कुराता हुआ देखकर,
फिर रो पड़ोगे तुम !
तुम्हारे साथ बिताए मस्ती भरे लम्हे,
कैद होंगे मेरी मुट्ठी में,
खुलेगी जब मुट्ठी,
तो फिर रो पड़ोगे तुम !
बैठता था तुम्हारे पास हँसता था,
हँसाता था; देख मेरी शांत अवस्था
फिर रो पड़ोगे तुम !
मेरी कुछ शरारतें,
कसक दिल की तुम्हारी;
सब छोड़ जाऊँगा,
जब उसे निहारोगे तो,
फिर रो पड़ोगे तुम !
फिर देर किस बात की ?
आओ बैठो मेरे संग करो गपशप,
नहीं तो मेरे जाने के बाद,
फिर रो पड़ोगे तुम !

