रंग-बिरंगी दुनिया
रंग-बिरंगी दुनिया
हर चुनौती को सदा स्वीकारें हम खुले दिल से,
गम को भी देवें पूरा सम्मान न हों उससे तंग।
भोजन के व्यंजनों के स्वाद की विविधता सा,
हर्ष-विषादों से भरे हैं जीवन में अनेक ही रंग।
कुछ किस्मत और कुछ हमारे कर्मों के प्रतिफल,
अच्छे-बुरे जैसे भी हैं -रहना है हमें इन्हीं के संग।
हम सबकी जिंदगी है हर पल एक नई नवेली जंग,
स्वीकार चुनौती हर पल जीवन में भरें नई उमंग।
ज्यादा मोहक रंग-बिरंगा -सोहे नहीं सिर्फ एकरंग,
एक से हालात ऊब हैं देते-मोह होता उनसे है भंग।
समय संग जग बदल है जाता- हो सदा न एक ही ढंग।
जीवन हो विविध रंग-ढंग का-ज्यों होते होली के रंग।
एकरसता बोझिल करती है-षट्-रस आनंदित हैं करते,
एकाकी जीवन नीरस लगता है-साथी जीवन रस भरते।
कभी उष्णता कभी शीतलता में-सुख अनुभव हैं करते,
कभी गुलाबी-लाल-बैंगनी कभी धानी-बासंती हैं फबते।
नीलाम्बर कान्हा के वसन हैं-धारण पीताम्बर हरि करते,
रंग-बिरंगी सजी रंगोली-प्रफुल्लित होली के रंग मन करते।