रियासत- ए- गुलाब
रियासत- ए- गुलाब
उसके महकमे में शायद गुलाब बोलते है
हमारे यहां जिसे तेज़ाब बोलते है।
क्योंकि मुझे कयामत बोलने के बाद,
दिल की बातें खोलने के बाद,
मेरे ना बोलने के बाद
उसने अपना गुलाब
मुझे तोहफे में दे दिया।
उसके गुलाब का गुलाबीपन
मेरे चहरे पर साफ दिखता है।
मैंने फिर ढूंढा उसे कि
अबकी मेरी हां है,
इस पर उसने मुझे
अपना एक और गुलाब तोहफे में
दे दिया।
अब उसके गुलाब का गुलाबीपन
मेरे चेहरे को दोनों तरफ साफ दिखता है।
मैंने उसे फिर नहीं ढूंढा,
पर अब रोज ढूंढती हूं उसके महकमे के बाकी लोग,
जिनके गुलाबों की परिभाषा बदली जानी है।