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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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रिश्ते

रिश्ते

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आज के दौर में बदलते रिश्ते,

मिलें न कभी भी मगर दिल से जुड़े लगते

जब कभी मन में कोई परेशानी हो,

किससे कहें कौन सुनेगा कौन समझेगा

ऐसे में दूर होकर भी बड़े पास लगे रिश्ते,

ऐसे में बहुत खास अनोखा एहसास देते हैं रिश्ते।

कहते हैं खून के रिश्ते सगे होते हैं

खून का संचार हो धमनियों में ऐसे जुड़े होते हैं,

हर सुख दुख में शामिल होते हैं सदा,

दर्द में मरहम और खुशी में सरगम होते हैं

पर फिर भी कभी आपसी वैमनस्य से

जुड़कर कमजोर होते हैं ये रिश्ते,

फिर कहने को पराये कुछ रिश्ते सगे होते हैं।

बनकर ढाल हर आँच से बचाते,

संग में हँसते ,संग में रोते, संग में रुलाते,

हौसलों की अभेद्य दीवार बनाकर वो

मजबूती से हमें जमाने से लड़ना सीखाते।

प्रेम से पगे हुए होते हैं ये रिश्ते,

दिल के तार से जुड़कर मजबूत हुए रिश्ते।


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