रिश्ते हो निभाना तो
रिश्ते हो निभाना तो
मिलते रहो सबसे कभी जुदाई से मत घबड़ाना
जो अपने होते हैं उन्हें छोड़कर नहीं होता जाना !
जब रिश्ते प्यार और अपनेपन से पगे पनपते हैं
तब हमेशा हिल मिलकर हँसते और किलकते हैं !
कभी अगर आ जाए किसी पर कोई बड़ी मुसीबत
तो आगे बढ़ कर दूसरे की मदद को तत्पर रहते हैं !
लोग अक्सर जुदाई को लेकर खामखा डरते रहते है
जिन्हें साथ देना होता है वो रिश्ता निभाकर रहते हैं !
तभी तो हमारे बड़े बुजुर्ग बार बार यही कहते रहते हैं
कि किसी की जुदाई से मत डरो, लोग तो दिलों में रहते हैं !