रास्ते!
रास्ते!
हँसते -हँसते ही काट लेंगे रास्ते,
इसी तरह जिंदगी भी गुजर लेंगे,
मोकूफ रहेगी ये सारी यादें,
बस साथ रहेंगी खामोशियां भारी रातें,
आगे तो बहुत निकल जाएंगे,
पर वो दिन कभी नहीं भूल पाएंगे।
अब खूबसूरत तो होंगी शाम ,
लेकिन साथ नहीं होंगे हम,
खयालों में ही मिलूंगा फिर दोबारा,
ऐसे ही रहने दूंगा प्यार अधूरा,
कहना तो चाहतें थे बहुत ज्यादा,
कभी नहीं भूलेंगे ये रहा वादा।
वो मुस्कान भी याद है,
याद है आपका वो गुस्सा,
याद है कैसे मिले थे पहली दफा,
और कैसे मिले आखिरी दफा,
अब मुलाकातें भी होती है सपनों में,
साथ होना कहाँ लिखा है नसीबों में।
इसी तरह जिंदगी गुजार लेंगे,
हँसते -हँसते ही काट लेंगे।