रास्ते
रास्ते


रास्ते कहां खत्म होते है।
वो तो चलते रहते है।
रुकते है तो समस्याओं का पहाड़
सामने आता है।
फिर उसे लाँघ कर
या रास्ता बनाकर चलना चाहिये।
कुछ रास्ते गाँव, शहर, संस्कृति
जोड़ते है। कुछ रास्ते बुनियाद
खड़ी कर देते है।
रास्ते कहां खत्म होते है, वो तो
जीवन को नये आयाम दिलाते है।