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Sunil Gupta teacher

Inspirational Others

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (9)

राष्ट्रप्रेम गीत (9)

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छप्पन इंची सीना चहिए,

आ मैदान में लड़ने को।  

मरे मराये क्या लड़ पाओ, 

जाओ पेट को भरने को।।


धन - पैसा और पेट भरा हो, 

तब ही सोचो लड़ने को।

तुम्हारी कोई औकात नहीं है,

 गाल बजाओ हंसने को।।


आर - पार की होगी रण में, 

न बच पाओ भागने को।  

जाल में अपने खुद फंस जाओ, 

हल ना कोई निकलने को।।  


मार - मार हम जमी गड़ा दे,

 न पीड़ी तुम बढ़ने को।  

खत्म तुम्हारा देश ही होगा, 

भू का भार उतरने को।।


भला जो चाहो अपने जन का, 

भागो रहो न मरने को।  

एक बार समझाये तुमको,

फिर अवसर न भागने को।।



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