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Sunil Gupta teacher

Inspirational

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Sunil Gupta teacher

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राष्ट्रप्रेम गीत (29)

राष्ट्रप्रेम गीत (29)

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सौ अपराध माफ हम करते,

उससे ऊपर नाहीं । 

इसके बाद हम चक्र छोड़ते ,

 काटे गर्दन जाँहीं।।


सौ अपराध हुए तुम पूरे ,

अब छिनको तुम नाहीं। 

एक भी गलती आगे कर दी ,

सिर धड़ में फिर नाहीं ॥ 


अपना समझके छोड़ रहे हम ,

तुम समझे ही नाहीं। 

गफलत से अब जागो प्यारे , 

अब गलती हो नाहीं।। 


सौ - सौ गलती करके कहते , 

हम गलती है नाहीं। 

आंख फूट गई पागल भय का , 

जो दिखता तुम नाहीं।।


आओ सामने छुपे रहो ना ,

तुम बचना अब नाहीं।

चक्र हमारा छूट गया है ,

वो देखेगा जाहीं।।



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