राष्ट्र निर्माता शिक्षक...
राष्ट्र निर्माता शिक्षक...
मैं हूं राष्ट्र निर्माता शिक्षक
अंधियारों में दीप जलाता हूं
बनकर पथ प्रदर्शक सदा
मैं बच्चों का भाग्य बनाता हूं।
देकर उन्हें अच्छे संस्कार
मैं फूलों सा उन्हें संवारता हूं
भारत माता की सेवा करना
यही सीख दे जाता हूं।।
श्रेष्ठता के शिखर पर पहुंचो
यही लक्ष्य उन्हें मैं देता हूं
हो समय कितना विकट
संयम का पाठ पढ़ाता हूं।
भेदभाव से परे होकर
अच्छे बुरे का ज्ञान कराता हूं
परोपकार कूट कूट भरता
सेवा भाव मन में जगाता हूं।।
सींचता हूं मैं निर्बल पौधे सा
वट वृक्ष उन्हें बनाता हूं
छांव दे सदा सभी को
यही दर्शन मैं कराता हूं।
हुनर को तराश कर उनके
सामर्थ्यवान उन्हें बनाता हूं
नवसृजन करके रोज मैं
एक भविष्य मैं बनाता हूं।।
ज्ञान पुंज चहुं ओर बिखेरूं
शिक्षा की लौ जलाता हूं
नव चेतन जीवन में लाकर
जीवन खुशहाल बनाता हूं।
राष्ट्र निर्माण में मैं सदा
दिन रात लगा रहता हूं
अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर
जीवन ये समर्पित करता हूं।।
